The Greatest Guide To Shodashi
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पद्माक्षी हेमवर्णा मुररिपुदयिता शेवधिः सम्पदां या
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥९॥
सौवर्णे शैलशृङ्गे सुरगणरचिते तत्त्वसोपानयुक्ते ।
कन्दर्पे शान्तदर्पे त्रिनयननयनज्योतिषा देववृन्दैः
क्लीं त्रिपुरादेवि विद्महे कामेश्वरि धीमहि। तन्नः क्लिन्ने प्रचोदयात्॥
Day: On any month, eighth working day in the fortnight, entire moon day and ninth working day with the fortnight are stated for being great days. Fridays also are equally great times.
The Shodashi Mantra instills patience and resilience, supporting devotees keep on being continual by means of worries. This reward permits men and women to method obstacles with calmness and perseverance, fostering an internal energy that supports individual and spiritual progress.
Goddess Shodashi has a 3rd eye to the forehead. She's clad in pink costume and richly bejeweled. She sits with a lotus seat laid with a golden throne. She's demonstrated with four arms wherein she holds five arrows of bouquets, a noose, a goad and sugarcane like a bow.
दुष्टानां दानवानां मदभरहरणा दुःखहन्त्री बुधानां
Her beauty is a gateway to spiritual awakening, producing her an item of meditation and veneration for anyone seeking to transcend worldly desires.
कर्त्री लोकस्य लीलाविलसितविधिना कारयित्री क्रियाणां
सर्वोत्कृष्ट-वपुर्धराभिरभितो देवी समाभिर्जगत्
ज्योत्स्नाशुद्धावदाता शशिशिशुमुकुटालङ्कृता ब्रह्मपत्नी ।
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे Shodashi समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।